sanjeev kumar
research scholar
department of history
patna university.
and
assistant researcher(feb 2014 to sep 2015)
of icssr new delhi a
project of mahadalit community
in bihar hierarchical and competitive
inequility.
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sanjeev kumar |
बिहार विद्यापीठ
सन 6 फरवरी 1921 को स्थापित बिहार
विद्यापीठ का उद्देश्य था ! पहला- भारत की राष्ट्रीय परिस्थिति के अनुकूल तथा
महात्मा गाँधी के मौलिक सिद्धांतों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करना, दूसरा-भारत की सर्वांगीण उन्नति के लिए उपयुक्त कार्यकर्ता का संगठन तथा
सेवको का निर्माण करना, तिसरा-लोकसेवा तथा विश्वबंधुत्व और
विश्व-शांति के भावों का यथासंभव क्रियात्मक प्रचार करना!
शिक्षा की सही व्यवस्था
के उद्देश्य की पूर्ति हेतु बिहार विद्यापीठ की स्थापना के बाद प्रांत के सभी
राष्ट्रीय शिक्षण संस्थाओ का समायोजन कर उनका नियंत्रण एवं निदेशन करना निर्धारित
किया गया! इस संस्था के पहले कुलपति मौलाना मजहरुल हक एवं उपकुलपति ब्रजकिशोर
प्रसाद तथा प्राचार्य डॉ राजेंद्र प्रसाद बने! बिहार विद्यापीठ गांधीवादी
विचारधारा को संपोषित एवं विस्तारित करने के साथ शिक्षा के एक महत्वपूर्ण केंद्र
के रूप स्थापित हुआ! इसने जनभावना को आग्रसारित करने एवं देश की सांस्कृतिक
गतिविधि परंपराओं व मान्यताओ को भी संरक्षित किया! साथ ही हिंदु-मुस्लिम एकता ,सामाजिक समरसता,सामुदायिकता व सोहाद्र्पुर्ण माहोल बनाने के लिए प्रयत्नशील रहा!
इस शिक्षण संस्था मे
गीत-संगीत की शिक्षा के साथ आत्मनिर्भरता
व कौशल विकास पर भी बल दिया जाता था! इतिहास-भूगोल की शिक्षा के माध्यम से देश की
स्थिति तथा गौरवपूर्ण अतित की जानकारी देने के साथ छात्रो मे आत्मविश्वास व
स्वतंत्रता प्रेम की सीख भी दी जाती थी!
-संजीव कुमार(शोध विषय),शोध छात्र, इतिहास विभाग, पटना
विश्वविद्यालय
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